Tuesday, December 24, 2024
HomeBadmintonक्या हैं ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में? Finest 100 Key...

क्या हैं ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में? Finest 100 Key Epics

Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp


ओलिंपिक खेलों और खिलाड़ियों से जुड़ी चर्चा में आज हम बात करते हैं भारतीय बॉक्सर मैरी कॉम के बारे में, जानते हैं कुछ ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में। मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम या मॅग्नीफ़िसेन्ट मैरी भारतीय मुक्केबाज़ी की शायद सबसे महान खिलाड़ी रही हैं। एक ऐसी मुक्केबाज़ जिसने महिला मुक्केबाज़ी को विश्व स्तर पर एक पहचान दिलाई, उनके लिए शायद कोई भी बड़ाई छोटी पड़ जाएगी। तो यहाँ देखते हैं कुछ महत्वपूर्ण ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में:

जन्म और परिवार

मैरी कॉम का जन्म नवंबर 24,1983 को भारत के मणिपुर राज्य के कांगथेई गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम है। मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम के पिता मांगते तोंपा कॉम और उनकी मां मांगते अक्हम कॉम भूमिहीन किसान रहे हैं।। 2005 में, मैरी कॉम ने फुटबॉलर करुंग ओनलर कॉम से शादी की। इस जोड़े के 3 बच्चे हैं प्रिंस चुंगथांगलन कॉम, खुपनेवर कॉम और रेचुंगवार कॉम। ये थी ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, उनके परिवार और निजी जीवन से जुड़ी।

ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में (करियर)

अगर जाननी हैं ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, तो शुरुआत उनके बचपन और खेल के आगाज़ से। मैंगते मैरी कॉम को अपने जीवन की शुरुआत में जेवलिन थ्रो और 400 एम स्प्रिंट में दिलचस्पी थी, लेकिन बाद में उन्होंने करियर के रूप में बॉक्सिंग की ओर रुख किया। मणिपुर के युवा डिंग्को सिंह से प्रभावित होकर मुक्केबाजी को अपने जुनून के रूप में चुनने लगे थे। डिंग्को ने 1998 में बैंकॉक, थाईलैंड में एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता था। इससे राज्य में मुक्केबाजी को आवश्यक बढ़ावा मिला और महिला मुक्केबाजी इससे अलग नहीं रह पायी।

हालांकि 2001 तक महिला मुक्केबाजी में विश्व चैंपियनशिप भी नहीं होती थी, मैरी कॉम ने 2000 में इस खेल को चुना। मैरी कॉम की पहली कोच साई रीजनल सेंटर तकीलपत कॉम्प्लेक्स से के कोसाना मेइती थीं, और बाद में वह एम नरजीत सिंह से ट्रेनिंग लेने लगीं जो राज्य के मुक्केबाज़ी कोच थे।

मैरी ने अपने पदार्पण वर्ष 2000 में स्टेट चैंपियनशिप जीती थी और तब से वह अपने करियर में सुधार करती गयीं और प्रदर्शन के नए नए आयाम और मुकाम हासिल करती गयीं। 2001 में, मैरी पहले ही विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतीं और इसके अगले वर्ष अपने पदक का रंग बेहतर की ओर बदला, यानी की विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल

2003 में, मैरी कॉम ने एशियाई चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक जीता और 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस जीत की पुनरावृति की। वह 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में विश्व चैंपियनशिप जीती थीं, जबकि उन्होंने कांस्य पदक जीता था 2019 में। मैरी कॉम ने 2010 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था, जबकि उन्होंने इंचियोन 2014 एशियाई खेलों और गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, विश्व चैंपियनशिप का गोल्ड मेडल

2012 में, मैरी कॉम लंदन 2012 ग्रीष्मकालीन खेलों में वो पहली बार ओलंपिक दल में थीं, महिला मुक्केबाजी भी पहली बार ही ओलिंपिक खेलों में शामिल हो रहा था। उन्होंने कांस्य पदक जीता और ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बन गईं। 2021 में टोक्यो ओलिंपिक खेलों में वो दूसरी बार ओलिंपिक दल में शामिल हुईं पर इस बार मैरी कोलंबिया की वेलेंशिया से हार कर मेडल दावेदारी और ओलिंपिक खेलों से बाहर हुईं। मैरी कॉम का प्रबंधन आईओएस स्पोर्ट्स द्वारा किया जाता है। ये थी ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, उनके करियर और जीतों से जुड़ी।

ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में:

अब देखते हैं कुछ ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, जो बनाते हैं उन्हें विशेष। भारत के महानतम मुक्केबाज़ों में शामिल रही मैरी कॉम के बारे कुछ ऐसे भी तथ्य हैं:

1. मैरी बार 6 विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली मुक्केबाज़ (और पहली भारतीय मुक्केबाज़ भी) हैं। उन्होंने अपना छठा विश्व चैंपियनशिप नई दिल्ली में जीता था 2018 में। ।

2. वो पहली ऐसी मुक्केबाज़ हैं जिसने 6 बार एशियाई अमैच्युर मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप जीती है।

3. मैरी को 2003 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

4. उन्हें 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

5. मैरी को 2009 में खेल रत्न से सम्मानित किया गया था।

6. 2012 में मैरी पहली बार ओलिंपिक खेलों में खिलाड़ी के तौर पर सम्मिलित हुईं। ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में इसके बिना अधूरी है।

7. 2012 में मैरी कॉम ने ओलिंपिक खेलों का कांस्य पदक जीता।

8. 2013 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

9. 2016 में उन्हें विश्व मुक्केबाज़ी संघ के लेजेंड्स अवार्ड से सम्मानित किया गया।

10. 2016 में उन्हें भारत सरकार ने खेलों से आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों के तौर पर राज्य सभा सांसद चुना।

11. 2018 में उन्हें मणिपुर सरकार ने मीथोईलेइमा की उपाधि दी।

12. 2020 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

13. 2021 में वो भारतीय ओलिंपिक दल की ध्वजवाहक बनीं।

ये थी ख़ास बातें मैरी कॉम के बारे में, जो शायद आपको जाननी चाहिए। आज के लिए बस इतना ही दोस्तों। हम भारतीय खेलों में अविश्वसनीय सफलता की एक और कहानी के साथ वापस आएंगे। तब तक बने रहें। आशा है कि आप हमारे द्वारा आपके लिए बनाई गई सामग्री को पसंद कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि आप अपने विचार साझा करके और प्रश्न पूछकर योगदान दे सकते हैं, तो बेझिझक इन्हें पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स में डाल सकते हैं। सुरक्षित और स्वस्थ रहें।



Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments